मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के अन्तर्गत, संस्कृति परिषद् द्वारा पंजाबी साहित्य अकादमी का गठन वर्ष 2013 में हुआ। अकादमी के मुख्य उद्देश्य पंजाबी लोक परम्पराओं भाषा, साहित्य, संगीत, नृत्य, रंगमंच, चित्र एवं लोक कलाओं आदि का शासन की नीतियों के अनुरूप समस्त संभव उपायों द्वारा सम्मान, विस्तार, प्रोत्साहन और संरक्षण एवं संवर्धन करना है। इन व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अकादमी निम्नलिखित प्रयत्न करेगी:
1. पंजाबी भाषा, साहित्य, सांस्कृतिक विरासत, लोक परम्पराओं के संरक्षण, संवर्धन के साथ ही वर्तमान में मध्यप्रदेश के सभी 51जिलों में पंजाबी संस्कृति को निरंतर प्रचलन में बनाए रखना।
2. समूचे म.प्र. के अलग-अलग जिलों में पंजाबी सांस्कृतिक लोक परम्पराओं को अक्षुण्य बनाये रखने हेतु पंजाबी संस्कृति पर केन्द्रित कला, संस्कृति, एवं नाटक आदि रचनात्मक कार्यों पर केन्द्रित आयोजन के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना।
3. पंजाबी की सृजनात्मक उपलब्धियों के लिए सृजनकर्मियों को सम्मान एवं प्रोत्साहन।
4. पंजाबी भाषा का उत्कृष्ट साहित्य संग्रहित कर पठन हेतु लाईब्रेरी के माध्यम से उपलब्ध कराना।
5. पंजाबी भाषा के उत्कृष्ट लेखन का प्रकाशन कार्य व अन्य भाषाओँ लिपियों में प्रकाशित पंजाबी के श्रेष्ठ साहित्य को पंजाबी भाषा में लिप्यांतर कर प्रकाशन।
6. पंजाबी साहित्य की श्रेष्ठ गद्य एवं पद्य की कृतियों पर पुरस्कार पंजाबी भाषा को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य में मूर्धन्य वरिष्ठ एवं नवोदित साहित्यकारों की प्रकाशित गद्य एवं पद्य विधाओं की श्रेष्ठ साहित्य का चयन कर पुरस्कृत करने की योजना।
7. अकादमी द्वारा प्रदेश के पंजाबी युवा, नवोदित/नवांकुरित कलाकारों की साहित्यिक प्रतिभाओं को पहचान कर रचनात्मक सृजनशील कलाओं को मंच प्रदान कर प्रोत्साहित करना।
8. पंजाबी संस्कृति की पहचान के प्रतीक लोक परम्पराओं पर केन्द्रित लोकनृत्य महोत्सव के आयोजन प्रदेश के विभिन्न संभागों/जिलों में कला पंचांग (कैैलेण्डर) अनुसार आयोजित करना।
9. पूरे वर्षभर प्रदेश में पंजाबी भाषा साहित्य पर केन्द्रित सेमीनारों/संगोष्ठियों/कवि सम्मेलन आदि की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना।
10. पंजाबी भाषा के उत्कृष्ट प्रदर्शनकारी गतिविधियों को आयोजित करना।
11. पंजाबी साहित्य के विकास हेतु ख्यातिलब्ध एवं प्रतिष्ठित पंजाबी साहित्यकारों पर केन्द्रित सेमीनार एवं संगोष्ठियों को आयोजित करना।
12. पंजाबी समुदाय के प्रमुख पर्वों, पंजाबी संतों तथा शहीदों की स्मृति में आयोजन करना।
13. श्री गुरूनानक देव जी के सामाजिक सरसता व कल्याणकारी शिक्षा पर केन्द्रित सन्देशों को प्रकाशित कर सम्पूर्ण प्रदेश में प्रचारित-प्रसारित कर जन-जन तक पहुँचाना।
14. प्रदेश के विभिन्न जिलों की सामाजिक संस्थाओं से प्राप्त आयोजन के प्रस्ताव/सुझावों पर विचार-विमर्श कर आयोजन सम्पन्न करना।
15. पंजाबी भाषा, संस्कृति और लोक परम्पराओं के प्रति युवा पीढ़ी को जागृत एवं भाषा को दैनिक प्रचलन में बनाए रखने वअपनी संस्कृति एवं परम्पराओं से परिचित कराने हेतु अकादमी द्वारा कार्यशाला, प्रशिक्षण शिविर एवं वाद-विवाद आदि पर आधारित प्रतियोगिताओं को आयोजित करना।
16. देश की आजादी में शहीदों के बलिदान और उनके योगदान के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर केन्द्रित आयोजन।
17. अकादमी द्वारा प्रदेश के पंजाबी साहित्यिक रचनाकारों को उनकी पाण्डुलिपियों के प्रकाशन हेतु आर्थिक एवं आवश्यक सहायता प्रदान करना।
18. पंजाबी गौरव सम्मान प्रदेश व देश की पंजाबी कला, संस्कृति और साहित्य के पक्ष की मूर्त और जीवन्त हो जोे आजकल की आधुनिकता के प्रभाव में कम होते जा रहे है उन्हीं में हमें साहित्यकारों और कला साधकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाने की योजना।